Wednesday, April 7, 2010

यह कहानी फिल्मी है

शोएब और सानिया का प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि सारी दुनिया में चर्चाएं व विरोध आने लगे । उधर सानिया ने शोएब के खातिर अपने बचपन की दोस्ती व सगाई तोड़ी तो उधर शोएब मियां ८ वर्ष पुरानी अपनी पहली पत्‍नी आयशा को पत्‍नी मानने से ही इनकार कर बैठे । यानि आग दोनों तरफ बराबर है । शोएब सानिया व आयशा की ट्रायंगल लव स्टोरी पति-पत्‍नी और वो की तरफ पूर्णतः फिल्मी है । अक्सर किसी कहानी या फिल्म में कुछ दृष्टान्त बीतने के बाद ट्‍विस्ट आता है परन्तु यह कहानी प्रारम्भ होते ही ट्‍विस्ट सस्पेन्स व विवाद को साथ-साथ लेकर आगे बढ़ रही है । मार्च के अन्तिम दिनों में मीडिया में यह खबर कि सानिया मिर्जा का शोएब मलिक के साथ १५ अप्रैल को विवाह होगा । इस चर्चा के साथ कहानी प्रारम्भ हुई । इस चर्चा की आग इस तरह फैली कि इसकी प्रतिक्रियायें और विरोध मिलने लगे । विरोध इस तरह से जैसे कब्र में से मुर्दे उठकर बोलना प्रारम्भ कर दें । आयशा का भी विरोध कुछ इसी प्रकार का है । पिछले ८ सालों में आयशा को ना ही शोएब मलिक की जरूरत हुई और ना ही अपना विवाह साबित करने की जरूरत हुई । इधर सानिया भी शोएब के प्यार में इस कदर पागल व उतावली हो गई हैं कि सारी बातों को ताख पर रखकर वह पूर्ण रूप से शोएब का साथ दे रही हैं । और सच ही तो है फिल्मों में अक्सर गानों में यह शब्द सुनने को मिलते हैं कि जग छूटे, रब रूठे पर प्यार न छूटे । सानिया का भी यही हाल है । यही कारण है कि वह बना बनाया कैरियर व एक अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी की पहचान को ताख पर रखकर शोएब को पाना चाहती हैं । शोएब भी सानिया को पाने के लिए हर विवाद को झेलने के लिए प्रयासरत हैं तभी तो इतने विवादों के बीच पाकिस्तान छोड़ हिंदुस्तान में सानिया के घर पहुँच आये जहाँ पर सारे हिंदू संगठन तो विरोध कर ही रहे हैं साथ ही साथ आयशा द्वारा दर्ज कराये गये केसों में यह आशंका होते हुए भी कि उन्हें जेल हो सकती है इस सब बातों को दर किनार करके दूल्हे मियां दुल्हन से मिलने व विवाह की तैयारी करने हिन्दुस्तान चले आये । देखना ये है कि पति, पत्‍नी और वो की इस लड़ाई में पत्‍नी और वो का परिणाम क्या निकलता है कौन वो साबित होता है ।

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