Wednesday, April 7, 2010

सानिया का प्यार अंधा ही नहीं खुदगर्ज भी है ।

[ जिस देश की जनता ने टेनिस जैसे बड़े खेल में सानिया राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने का गौरव दिया है । यह ऐसा गौरव है जहां सानिया व्यक्‍ति नहीं देश के गौरव के रूप में जानी जाती हैं तो फिर वहां वे व्यक्‍तिगत भावनाओं में आकर करोड़ों जनता की भावनाओं को चोट करते हुए वे ऐसे देश से रिश्ता कैसे जोड़ सकती हैं जहाँ से भारत को आजादी से अब तक तरह-तरह के घाव मिलते रहते हैं क्योंकि सानिया मिर्जा की जिन्दगी उनकी अब व्यक्‍तिगत जिन्दगी नहीं है । यदि इन सब के बावजूद सानिया शोएब मलिक से विवाह करती हैं तो सानिया भारतीय टेनिस के साथ-साथ भारत से भी अपना सारा रिश्ता तोड़ लेवें । यदि ऐसा नहीं करती तो भारत की जनता उनसे शादी के बाद सारा रिश्‍ता तोड़ लेगी । ]

सच कहते हैं कि प्यार अंधा होता है यह बात वर्तमान में सानिया मिर्जा के जीवन में हकीकत होते नजर आ रही है । सानिया का प्यार अंधा होने के साथ-साथ खुदगर्ज भी हो गया है । सानिया शोएब मलिक के प्यार में इस कदर पागल हो गई हैं कि अपना सफल कैरियर, अपना भविष्य और अपने गरिमा मई पहचान को भी ताक पर रख दिया है । क्योंकि यह जग जाहिर कि हिन्दुस्तान का समाज या मुस्लिम समाज जितना खुलेपन ढंग से जीवन देता है उतना पाकिस्तान में संभव नहीं है । पाक के जंग में शोएब मलिक की मां नूर मलिक के हवाले से कहा गया है कि वह शादी के बाद सानिया को पाकिस्तान में घर बसाते देखना चाहती हैं । उन्हें सानिया का स्कर्ट पहनना, टेनिस खेलना विदेशी दौरा करना और गैर मर्दों से घुलना-मिलना बिल्कुल पसन्द नहीं है । इससे और भी स्पष्ट हो जाता है कि सानिया और सानिया के परिजनों का बयान कि सानिया शादी के बाद टेनिस खेलती रहेंगी यह संभव नहीं लगता है और एक बार यह मान भी लिया जाए तो क्या सानिया के शादी के बाद जब सानिया भारत के लिए कोई बड़ा मैच खेलने जाएंगी तब हिंदुस्तान की जनता पहले की भांति विश्‍वास, प्यार व शुभकामनाओं के साथ सानिया को खेलने के लिए विदा कर पाएगी । क्या जब कभी भारत-पाक के बीच क्रिकेट मैच होगा तब सानिया अपने पति के जीत की कामना करेंगी या फिर भारत के लिए जीत की कामना करेंगी । पाक अखबारों ने वहाँ के टेनिस एसोसिएशन के मुखिया दिलावर अब्बास के हवाले खबर दी है कि शादी के बाद सानिया पाक टेनिस को बढ़ावा देने में अपना योगदान देंगी जबकि “हमारा समाज” भारतीय टेनिस एसोसिएशन के महासचिव अनिल खन्‍ना के हवाले से यह कहना है कि सानिया और उसके परिजनों ने शादी के बाद भी राष्ट्रमंडल खेलों, एशियन गेम्स, फेडरेशन और लंदन ओलम्पिक में भारत का प्रतिनिधित्व करने का वादा किया है । पाक का नाम आते ही अपने स्वभाव के अनुरूप शिव सेना और अन्य हिंदू संगठन इस बात को आग की तरह तूल पकड़ाएंगे कि शादी के बाद सानिया पाकिस्तानी हो जाएंगी तो वह भारत के लिए कैसे खेल पाएंगी? भारत और पाक के अखबारों में मुंबई, बरेली और तमिलनाडु में हिन्दू संगठन डांस सानिया के शादी के विरोध में उनका पोस्टर जलाए जाने की खबर आई है और ऐसा हो भी क्यों ना क्योंकि जिस देश की जनता ने सानिया को सम्मान, शोहरत और उच्च स्तर अव्वल दर्जे का नागरिक होने का गौरव दिया है । जिस देश की जनता ने टेनिस जैसे बड़े खेल में सानिया राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने का गौरव दिया है । यह ऐसा गौरव है जहां सानिया व्यक्‍ति नहीं देश के गौरव के रूप में जानी जाती हैं तो फिर वहां वे व्यक्‍तिगत भावनाओं में आकर करोड़ों जनता की भावनाओं को चोट करते हुए वे ऐसे देश से रिश्ता कैसे जोड़ सकती है । जहाँ से भारत को आजादी से अब तक तरह-तरह के घाव मिलते रहते हैं क्योंकि सानिया मिर्जा की जिन्दगी उनकी अब व्यक्‍तिगत जिन्दगी नहीं है । यदि इन सब के बावजूद सानिया शोएब मलिक से विवाह करती हैं तो सानिया भारतीय टेनिस के साथ-साथ भारत से भी अपना सारा रिश्ता तोड़ लेवें । यदि ऐसा नहीं करती तो भारत की जनता उनसे शादी के बाद सारा रिश्‍ता तोड़ लेगी । वैसे इतने विवादों के बीच हो रहे विवाह का वैवाहिक जीवन भी काफी मुश्किलों भरा होगा फिर भी ईश्‍वर सानिया मिर्जा के विवाह को सुखद बनावे ।






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